The Basic Principles Of sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
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किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ ९ ॥
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
सरसों के तेल का दीपक है तो read more बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
You need to make sure you don’t recite it with any sick inner thoughts or with any unfavorable intentions.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.